महिलाओं के लिए जीवन बदलने वाले तथ्य | Spritual Talks With CoachBSR

 (6) महिलाओं के लिए जीवन बदलने वाले तथ्य | Spritual Talks With CoachBSR - YouTube

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Transcript:

(00:00) हर एक घर स्वर्ग हो सकता है। अगर घर की महिला यह पांच काम कर ले तो। दोस्तों यह वीडियो हर एक महिला तक जरूर पहुंचाइएगा। बहुत ही इंपॉर्टेंट वीडियो है। एंड चिंता मत करिए। यह सिर्फ महिलाओं के लिए नहीं एक और वीडियो बनाऊंगा पुरुषों के लिए जो इसका अगला वीडियो होगा वो हर एक पुरुष तक पहुंचाइएगा। मैं हूं भूपेंद्र सिंह राठौड़ एक हीलर लाइफ कोच, एक स्पिरिचुअल ऑडिटर। हमारा एक बहुत ही पावरफुल प्रोग्राम चलता है जिसका नाम है कमांडो फेनी। और वहां एक महिला ने सवाल किया। सवाल यह था मेरे हस्बैंड मुझे टाइम नहीं देते। एंड इसके कारण मैं बहुत आहत हूं। क्या करूं? वैसे

(00:32) तो यह सवाल बड़ा जेन्युइन सवाल है और हजारों महिलाओं का यही सवाल है आज की डेट में। और हर महिला को अपना हस्बैंड टाइम नहीं दे पाता। उसके कारण पीड़ा भी बहुत होती है। आई कैन अंडरस्टैंड विद दैट। और सवाल यह है कि मेरी वैल्यू नहीं की जाती। मैं घर का सारा काम करती हूं। बच्चे को संभालती हूं। किचन का सारा काम करती हूं। सास के लिए काम करती हूं। पति का सब कुछ देखती हूं। सबसे पहले उठती हूं। टिफिन बनाती हूं। झाड़ू पोछा बर्तन सब करती हूं। लेकिन मेरी उतनी वैल्यू नहीं की जाती। अगेन बहुत ही वैलिड सवाल है एंड हर एक स्त्री की पीड़ा है। मैं सभी माताओं बहनों

(01:01) को प्रणाम करता हूं एंड आपकी इन फीलिंग्स के साथ पूर्णतया सहमत हूं। लेकिन हर एक माता और हर एक बहन के लिए ये पांच चीजें करना जरूरी है। सबसे पहली एंड सबसे इंपॉर्टेंट चीज अपने ब्रेन के अंदर की कहानियों को थोड़ा सा शिफ्ट कर दें। मुझे समय नहीं मिल रहा। मुझे वैल्यू नहीं मिल रही। इसकी जगह थोड़ा सा शिफ्टिंग कर दें। एंड शिफ्टिंग यह कहते हैं, मैं बहुत लकी हूं कि मेरे पास हस्बैंड है। मैं बहुत लकी हूं कि मेरे पास परिवार है। मैं बहुत लकी हूं कि मुझे जिंदगी में सेवा करने का अवसर मिल रहा है। मैं जानता हूं यह कहना कई बार बहुत मुश्किल है। स्पेशली अगर सास टॉक्सिक

(01:34) हो, हस्बैंड टॉक्सिक हो या बच्चे टॉक्सिक हो या वातावरण टॉक्सिक हो, लेकिन आपके पास ऑप्शन क्या है? दिन भर चिढ़ते रहने से, दिन भर घुटते रहने से क्या आपकी बॉडी में अच्छे हार्मोंस आ रहे हैं? बिल्कुल नहीं। दिन भर घुटते रहने से या चिड़चिड़ा होने से क्या आपकी जिंदगी सच में बेहतर बन रही है? नॉट एट ऑल। आप अपने बच्चों को एक अच्छा वातावरण देना चाहते हैं। क्या आप अच्छा वातावरण दे पाएंगे? अगर आप अंदर से फ्रस्ट्रेटेड रहेंगे? बिल्कुल नहीं। तो कहना शुरू करें वह जो आप सच में बनना चाहते हैं। ग्रेटट्यूड को फील करना शुरू करें और यह सारी चीजें कहानियां हैं।

(02:05) दोस्तों आप ही के जैसे वातावरण में कोई ना कोई लेडी बहुत ज्यादा खुश है और आपसे भी कमजोर वातावरण में कोई ना कोई लेडी आपसे बहुत ज्यादा खुश है और कई सारी ऐसी महिलाएं हैं जो नेगेटिव प्रवृत्ति की है। आपसे हजारों गुना ज्यादा अच्छा वातावरण है फिर भी ना खुश हैं किसी ना किसी चीज को लेके। यू नो कंप्लेन करना कहीं ना कहीं हमारा एक पैटर्न बन जाता है। और इस पैटर्न को हमें खुद ही तोड़ना होगा। तो इसीलिए कहना शुरू करें। कोई बात नहीं मेरा हस्बैंड मुझे ज्यादा समय नहीं दे रहा इस समय लेकिन मेरे पास हस्बैंड है। थैंक यू सो मच। और क्या मैं उनके लिए और कुछ कर

(02:35) सकती हूं? मैं उनके लिए और क्या कर सकती हूं? क्योंकि अगर वो समय नहीं दे पा रहा इसका मतलब हो सकता है वो बहुत ज्यादा बिजी हो। बहुत ज्यादा स्ट्रेस में भी हो और बहुत सारा काम का लोड हो। क्योंकि अगर एक आदमी की लाइफ को भी अगर आप समझे तो माता-पिता का भी उसे देखना है, बच्चों का भी देखना है, बच्चों के भविष्य का भी देखना है, पत्नी का भी देखना है। एंड बाहर बॉसेस की भी सुननी है, कस्टमर्स की भी सुननी है, सप्लायर्स की भी सुननी है, बैंक की भी सुननी है। एंड उसके काम बहुत सारे हो सकते हैं। आजकल कई महिलाएं भी यह काम कर रही हैं। तो जो महिलाएं ये काम करती

(03:00) हैं वो जानती हैं कि ये कितना स्ट्रेसफुल है। तो यहां पे आपका एक सवाल हो सकता है मैं अपने हस्बैंड के लिए और क्या कर सकती हूं? दूसरी चीज मैंने देखा है कि अक्सर महिलाएं बहुत अच्छे इंटेंशन से खाना बनाती हैं, त्यौहार सजाती है। मैं तो कहता हूं अगर घर में महिलाओं ना हो ना घर नर्क की तरह दिखता है। बट कभी-कभी अधिकांश महिलाएं अपने इमोशन को कंट्रोल नहीं कर पाती। एंड उसके कारण जिस तरह की वाणी वो दिन भर बोलती हैं वो एक काफी नकारात्मक ऊर्जा घर में क्रिएट कर देती है। जैसे कि वो छोटी सी बातों पर बच्चों पर चिल्लाएंगी या हस्बैंड पे कभी चिल्लाएंगे या मनमुटाव

(03:32) करेंगी या रोने लग जाएंगे या फिर एक चीज के बारे में बोलने लगेंगी तो काफी देर बोलने लग जाएंगे। कभी-कभी काफी ऊंची आवाज में बोलने लग जाएंगी। कभी-कभी काफी गुस्से में बोलने लग जाएंगे। और उन्हें पता नहीं होता है कहां रुकना है, कितना बोलना है, किस लेवल पर बोलना नहीं है। दोस्तों, हर एक महिला से फिर से माफी मांगूंगा। लेकिन कहीं ना कहीं आप नोटिस करेंगे कि यह पैटर्न हर जगह पे है। देखिए हर किसी की मां बहुत अच्छी होती है। करेक्ट और नॉट? लेकिन फिर यह बुरी सास कहां से आती है? हर किसी की बहन अच्छी होती है। लेकिन ये बुरी ननद कहां से आती है। हर किसी की बेटी

(04:02) अच्छी होती है। लेकिन फिर यह बुरी बहुएं कहां से आ जाती है? सोच के देखिए इन चीजों को। यह कहीं ना कहीं वाणी का प्रभाव है। हर एक महिला के लिए कह रहा हूं। सास अपनी वाणी को कंट्रोल करे। ननद अपनी को और बहू अपनी को। अगर यह सारा कंट्रोल हो गया तो आई एम टेलिंग यू घर स्वर्ग हो जाएगा। बहुत मुश्किल है मैं जानता हूं। लेकिन लगातार प्रयास से और अवेयरनेस के साथ मेडिटेशन के साथ ये चीजें बहुत ज्यादा सुधर सकती है। मैं आप सबसे वापस से एक बार विनती करूंगा हर एक माता और बहन तक यह वीडियो जरूर पहुंचाए। हिंदुस्तान की हर एक बेटी तक यह

(04:28) वीडियो जाना चाहिए। क्योंकि आज तक क्योंकि आजकल के संस्कार पता है क्या है? मैं क्यों सुनू? मैं भी तो बराबर का काम करती हूं। मैं तो बोलूंगी क्यों मेरे को ऐसा किया जा रहा है दोस्तों? आप क्या कर रहे हैं? आप अपने ही घर को नर्क बना। तीसरा बहुत बड़ा काम जो कि महिलाएं कर सकती है। दोस्तों, अपने घर में एक छोटा सा कंपैरिजन का माहौल क्रिएट हो जाता है। हस्बैंड वाइफ में कंपैरिजन यू नो दो भाई हैं तो दोनों की वाइफ्स आपस में कंपेयर करना। मेरा हस्बैंड यह करता है, तेरा हस्बैंड यह नहीं करता। तुमने ऐसा नहीं किया, तुमने ऐसा नहीं किया। मैं कहता हूं यहां ब्लेम गेम

(04:57) खेलना बिल्कुल बंद कर दें। यू नो मैंने देखा है अधिकांश क्या होता है कि महिलाएं घर में रहती हैं और घर में रहती हैं तो वो किचन का काम कर रही हैं या वो कपड़े धो रही हैं या बर्तन धो रही हैं या जो भी काम वो कर रही हैं बच्चों का कोई काम कर रही हैं। अब होता क्या है ये सारे वो काम है जो वो हजारों लाखों बार कर चुकी हैं। इसके कारण जब यह काम आप कर रहे हो तो काम तो आप यह कर रहे हो लेकिन कहीं ना कहीं ब्रेन कुछ और सोच रहा है। अब होता क्या है? इसके कारण हजारों ऐसी चीजें एक महिला का ब्रेन सोचता है जो कि शायद उन्हें नहीं सोचना

(05:24) चाहिए। जैसे कोई भी इंसान अगर किसी बिजनेस में है या काम पे है तो वो घर की बात सोच ही नहीं पाता। किसी सास ने कुछ कह दिया तो वो दिन भर सोचती रहती है महिलाएं। लेकिन अगर कोई महिला कामकाजी है और वो आईटी कंपनी में सर्विस कर रही है या बिजनेस चला रही है तो उसे इस चीज के बारे में सोचने का समय नहीं मिलेगा कि अरे सास ने क्या कहा। लेकिन जो घरेलू महिला है वो दिन भर इसी चीज को सोचेगी। तो ये ओवरथिंकिंग का पैटर्न डेवलप होता है। तो इसकी जगह हमें क्या करना है? इसकी जगह हम भजन चला लें। जितने सात्विक वचन सुनेंगे आप उतना ज्यादा आपका मन पवित्र होता जाएगा। आपका मन बहुत

(05:55) ही ज्यादा संतुष्ट होता जाएगा। ऐसे ही आप क्या कर सकते हैं? कोई बहुत ही अच्छी कथा सुन सकते हैं। आप कोई बहुत ही अच्छे पॉडकास्ट सुन सकते हैं। या आप कोई ऐसी चीज सीखने का निर्णय ले लें जिससे आपकी आत्मा की ग्रोथ हो सके। आपके मन और पवित्र हो सके। आपकी वाणी में मिठास आ सके। आपकी स्किल बढ़ सके, कला बढ़ सके, कौशल बढ़ सके। या फिर आप घर से घर के काम करते समय कोई ऐसे मित्र से या ऐसे परिस्थिन से बात करें जो बहुत ज्यादा ज्ञानी हो और आपके लेवल से हजार गुना ज्यादा इंटेलिजेंट हो। आप उन स्त्रियों की संगत बिल्कुल ना बनाएं जो कि अपनी सास की या अपने पति की

(06:26) बुराइयां करती रहती हैं। उन स्त्रियों की संगत बनाएं जो ज्ञान की बातें करें, नेक्स्ट लेवल की बातें करें। ऑलराइट यह बहुत ही इंपॉर्टेंट है। चौथी चीज हर एक महिला को जो करनी चाहिए वो है हर परिस्थिति को समझने की कोशिश। भाई सास ने मुझे कुछ कहा तो क्यों कहा होगा? चलिए उनकी आदत है। अब उनकी ये आदत है। तो मेरी आदत कैसी होनी चाहिए? दोस्तों यहां पे होता है सोच समझ के निर्णय लेने की क्षमता। इसको हम बोलते हैं रिस्पांस करना ना कि रिएक्ट करना। देखिए बड़े हैं, बुजुर्ग हैं क्या आपकी मम्मी ने आपको कुछ नहीं बोला कभी? आपकी मम्मी ने तो आपको

(06:56) कितना डांटा होगा? छोटे कपड़े पहनने पे डांटा होगा, लेट आने पे डांटा होगा, खेलने कूदने पे डांटा होगा, घर के काम नहीं करने पे डांटा होगा। लेकिन वहां पे कभी भी आप गांठ बांध के नहीं बैठे। सास ने इतना सा कह दिया देर से घर क्यों आए? कहां जा रहे हो? बहू ये यहां पे झाड़ू क्यों पड़ी है? अरे बेटा नहा के किचन में जाना। अब सास ने ये सारी चीजें कही। मां कह दे तो बुराई नहीं लगती। सास ने कह दिया तो क्यों बुराई लग रही है? हां, मैं जानता हूं कि कुछ-कुछ लोगों की सांस हो सकता है एक्सट्रीमली टॉक्सिक हो। वहां पे एक लेवल के बाद हो

(07:22) सकता है आप अपने आप को ना समझा पाएं और अगर ऐसा सच में है तो भी मैं तो कहूंगा ऑप्शन है क्या उनसे दूर रहने का। अगर जीवन भर उनके साथ ही रहना है तो फाइंड आउट अ वे टू क्रिएट अ बैलेंस। तो रिएक्शन की जगह रिस्पांस दें। और पांचवा चीज जो हर एक महिला करें वो है माफ करना सीख लें। मैंने देखा है अक्सर घर-घर में जो लड़ाईयां होती है वो होती है छोटी चीजों को लेके। यू नो ऐसा होता है कि शादियां होने से पहले भाई-भाई आराम से एक दूसरे के लिए सब कुछ कर रहे हैं। अब दो भाई हैं, तीन भाई हैं उनकी तीनों की शादियां हो गई। अब शादियां होने के बाद तीन औरतें घर में आ गई। एक

(07:51) औरत कह रही है मेरी साड़ी अच्छी, मेरा पति ज्यादा अच्छा, मेरा पति ज्यादा कमा रहा है। ये कह रही है मेरे बच्चे ज्यादा अच्छे। अरे मेरे बच्चे में तो ये गुण है। मैं मेरे बच्चे को ये सिखाऊंगी। ये जो इनर कंपैरिजन है और उसके कारण क्या होता है? छोटी-छोटी कुछ चीजें होती है। इस बहू ने तो आज कम काम किया। ये तो पानी का गिलास उठाती नहीं है। ये तो वो नहीं करती। अब यह छोटी-छोटी चीजें कंपैरिजन का इतना बड़ा कारण बनती है कि धीरे-धीरे यह आग का काम करने लगती है। एंड एक समय आता है जब परिवार को फिर अलग ही होना पड़ता है। वो समय गया जब बहुत बड़ा 50 लोगों का परिवार

(08:19) भी एक जगह रह जाता था क्योंकि एक मुखिया की आवाज में या एक मुखिया की बात चलती थी। लेकिन अब हर दिमाग काम करता है। सो मैं चाहता हूं कि हर एक महिला ऐसे समय में फॉरगिवनेस को प्रैक्टिस करे। आई फॉरगिव। फॉरगिवनेस की एनर्जी है ना अनलिमिटेड है। हो सकता है आपकी देवरानी आपकी जेठानी आपके हिसाब से काम नहीं कर रही। आपको दुख देने वाली है। ओवर स्मार्ट है। आपका फायदा उठाने वाली है। लेकिन यहां पे फॉरगिवनेस को प्रैक्टिस करना बहुत बहुत बहुत मजेदार है। दोस्तों आप में से कई लोग कहेंगे ये सुनने में तो बड़ा अच्छा लगता है। लेकिन क्या यह प्रैक्टिकल है? दोस्तों ये 1000%

(08:48) प्रैक्टिकल है। जिस चीज के बारे में आप सोचने की आदत डालेंगे ना वही आप बार-बार सोच पाएंगे। जैसे कि मैं आपको बताऊं 2009 से पहले मैं बहुत नेगेटिव सोचता था। एंड इतना नेगेटिव सोचता था कि मैं छोटी सी घटना घट जाती थी और मेरे अंदर इतना फियर इतना नेगेटिविटी आ जाती थी उसको लेके कि पता नहीं जैसे कि अगर मैं कंपनी में जॉब कर रहा हूं और उस समय एक खबर आ गई कि अरे जॉब्स जा रही है जॉब कट्स हो रही है मैं ऐसा हिल जाता था ओह माय गॉड मैं ओ माय गॉड मेरा नंबर ना आ जाए लेकिन जब मैंने ये सारी चीजें सीखना शुरू किया तो मैं कहता हूं कि आज इतना अच्छा माइंड हो गया है कि

(09:18) पहले अगर 100 बार किसी चीज पे घबराहट होती थी तो अब वो एक ही बार होगी या पहले कभी हजार बार किसी चीज पे गुस्सा आता था तो वह अब000 में से पांच बार ही आएगा या 15 बार ही आएगा। मैं नहीं कहता कि कोई संत बन गए हैं। मैं एक साधारण सा इंसान हूं और साधारण सी चीजें सीख रहा हूं। सिखा रहा हूं। मैं एक प्रैक्टिशनर हूं। मैं कभी नहीं कहता कि मैं गुरु हूं। मैं एक गुरु हूं। मैं भी इस यात्रा में हूं। एंड जो मैंने आपको यह बताया यह हमारे कमांडो ट्रेनिंग में बहुत सारे लोगों के प्रश्न आते हैं। उनसे रिलेटेड मैंने एक छोटा सा सुझाव हर एक महिला को दिया है। मुझे नहीं

(09:49) पता कि यह सुझाव वो लेंगे या नहीं लेंगे। पर मैं उम्मीद करता हूं कि यह प्रैक्टिकल है और हर एक महिला जो मेरे इन सुझावों से सहमत है नीचे कमेंट करके जरूर बताएं कि क्या मैं सही कह रहा हूं। इफ यस ये पांच छोटी प्रैक्टिससेस हर घर में ज्यादा नहीं 21 दिन करके देखें एंड आप देखेंगे आपका घर स्वर्ग बन जाएगा। जय हनुमान जय श्री राम चैनल को सब्सक्राइब करें और हमारे फ्री प्रोग्राम से जुड़ने के लिए नीचे लिंक दिए गए हैं इस वीडियो के नीचे डिस्क्रिप्शन में उनपे जाके अपना फॉर्म फिल कर सकते हैं। लॉट्स ऑफ़ लव, एंड थैंक यू।

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