शुगर (मधुमेह ) को कंट्रोल कैसे करें ?
मधुमेह हृदय रोग, शुगर -मधुमेह की बीमारी कोडायबिटीज और शुगर भी कहा जाता है। यहबीमारी गलतलाइफ़स्टाइल और फूड हैबिट और आनुवांशिक कारण से भी होती है। मधुमेह के मरीज का ब्लड शुगर लेवल सामान्य होना चाहिए ।कम या अधिक होने पर दोनों ही स्थिति में मरीज के सेहत पर खतरा बढ़ जाता है।
जब शरीर के पैन्क्रियाज मे इन्सुलिन की कमी हो जाती है, तो खून मे ग्लूकोज की मात्रा ज्यादा हो जाती है।इस स्थितिको डायबिटीज कहते है। इन्सुलिन एक तरह का हार्मोन होता है जो शरीर के भीतर पाचन ग्रंथि से बनता है। इसका काम भोजन को ऊर्जा मे बदलना है।
मधुमेह 2 टाइप के होते है -लंबे समय से शरीर की प्रक्रियाओं पर असर डालती है, जो खून मे शक्कर
(ग्लूकोज ) से संबंधित है।
मधुमेह टाइप-1 -यह एक गंभीर स्थिति है जिसमे अग्नाशय बहुत कम इंसुलिन बनाता है , या नहीं के बराबर बनाता है।
मधुमेह टाइप- 2 -
यह एक घरेलू नुस्खे भी हैं, जिनकी मदद से मधूमेह को नियंत्रण में रखा जा सकता है। शुगर चेक करने का सही तरीका सबसे पहले हाथ धोएँ
अब अपने मशीन के मीटर मे टेस्ट स्ट्रिप रखें।
अब टेस्ट किट के साथ मिलने वाली सुई को उंगली में चुभाएं और खून की एक शुरूआत टेस्ट पट्टी के किनारे पर डालें।
अब कुछ देर के बाद आपको परिणाम दिखाई देगा।
मधुमेह के अलर्ट संकेत क्या हैं ?
हाथ-पैरों में दर्द होना
अधिक प्यास लगना
अधिक पेशाब आना
अधिक भूख लगना
वजन कम होना
बेहोशी आना
दौरा पड़ना
व्यवहारिक बदलाव
हाथ या पैर में सुन्नता आ जाती है
जल्दी थकान हो जाती है
बार-बार यूरिन और स्किन इन्फेक्शन होना
धुंधला दिखाई देना
किडनी का प्रेशर बढ़ जाता है
बार-बार यूरिन जाने की समस्या पैदा हो जाती है।
सही मात्रा में पानी न पीने से डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है।
किडनी रोग,
घाव धीरे धीरे भरते है | यह रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होने के कारण होता है।
मधुमेह यानी डायबिटीज के इलाज के जरिए खून में मौजूद शुगर के स्तर को नियंत्रित किया जाता है।
ताकि इससे होने वाली परेशानियो को रोका जा सके।
स्वस्थ्य भोजन - अपने खान -पान और अपने को संतुलित आहार को अपनाकर इस परेशानी से बच
सकते है।
सुबह खाली पेट 2-3 तुलसी के पत्ते चबाएँ या फिर तुलसी के रस पी सकते है , इससे
शुगर कंट्रोल होगा।
अगर आप शुगर को कम करने के लिए दवा ले रहे रहे तो डॉक्टर से सलाह अवश्य लें।
शारीरिक गतिविधि– एक्सर्साइज़ , योगा कीजिये और हैल्थ नॉलेज लेकर मधूमेह को नियंत्रित कर सकते है।
उम्र के हिसाब से शुगर लेवल
अगर आपका उम्र 40-50 का है तो शुगर का जांच नियमित रूप से करनी चाहिए , क्योकि इसी उम्र मे
खतरा काफी बढ़ जाता है।
40 से 50 की उम्र के लोगों को फास्टिंग में शुगर लेवल 90 से 130 mg/dl होना चाहिए , जबकि खाने के
बाद ये स्तर 140 mg/dl से कम और रात के खाने के बाद 150 तक होना चाहिए
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।

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