माउथ अल्सर, जानें लक्षण और उपचार

  माउथ अल्सर, जानें लक्षण और उपचार




  • माउथ अल्सर को मुंह में छाला आना कहते हैं। मुंह के अंदर जो नर्म और मुलायम ऊतक होते हैं। जिसे

  •  म्यूकस मेंब्रेन  कहते हैं। उसी में छाले पड़ते हैं। यह अकसर खाने के दौरान या काफी गर्म खाने से
  •  गाल के चमड़े के कटने से होता है।
  • माउथ अल्सर के टाइप   माउथ अल्सर के लक्षण 
  • मुँह के अल्सर का क्या कारण है? 
तनाव और चिंता
माउथ अल्सर से बचाव 

माउथ अल्सर  मुख मे होने  वाली  एक ऐसी  बीमारी है जिससे मुंह , मसूढ़े , जीभ,होठों और सफेद

 घाव  होने से काफी दर्द होता है।

खाने -पीते समय ब्रश करने  मे समस्या होती है। मुख के चारो ओर जलन होती है।

 मुंह पूरा जख्मी हो जाता है। भोजन व ठंडा गर्म पानी पीने ने में परेशानी एवं ब्रश करने में परेशानी

 होती है। मसालेदार, खट्टा और नमकीन चीज खाने पर तेज जलन।

यह समस्या हमारे खान-पान जुड़ी गड़बड़ी , लाइफ़स्टाइल और शरीर मे होने वाले हार्मोनल परिवर्तन

 माउथ अल्सर  का कारण हो सकता है।कई बार मुख से खून भी आने लगता है।

डॉक्टर के पास जाने पर जल्द ही इस समस्या से निजात प सकते है।अगर इसका इलाज समय से

 करते है तो कैंसर से बच सकते है।

यह तीन तरह के होता  है।

1 गंभीर अल्सर - यह अल्सर बड़े आकार होता है। 10 लोगो मे से 1 को होता है।यह अल्सर 10 मिलिमीटर से बड़े भी हो सकते है।

2 सामान्य अल्सर - यह 3-10 मिलिमीटर आकार का होता है।यह अल्सर 10 दिन के अंदर 

ठीक हो  जाता है।

समय से इलाज करने करने पर इससे पहले भी ठीक हो सकता है।

3. हेरपेटीफॉर्म अल्सर- इस अल्सर का दूसरा नाम पिनप्वाइंट भी है। यह लगभग 

3 मिलिमीटर का होता है।यह 10-40 उम्र के लोगो मे पाया जाता है। यह 10 मे से 1 को ही होता है।

माउथ अल्सर समस्या मे अक्सर मुख के अंदर छाले हो जाते है जिससे काफी दर्द होता है इसे आसानी

 से देखा जा सकता है। आम तौर पर माउथ अल्सर में हमारे होंठ, मसूढ़े, जीभ और भीतरी गाल में

 दिखाई देते हैं। यह एक या एक से अधिक देखे जा सकते है।

माउथ अल्सर लक्षण इस प्रकार है।

मुँह के भीतर छाले।

ब्लीडिंग

मुख मे भोजन करते समय दर्द होना

मुख मे सूजन की समस्या 

ब्रश करते समय दर्द होना 

हल्का बुखार

मुख के अंदर की झिल्ली को नुकसान होने से मुख का अल्सर होता है।

इसके कई कारण है जैसे -

खान-पान मे गड़बड़ी 

हार्मोनल परिवर्तन की वजह से

पाचन तंत्र मे दिक्कत

दवाओं के साइड इफेक्ट की वजह से भी मुंह में छाले हो जाते हैं।

कब्ज की समस्या -आयुर्वेद के अनुसार मुंह में छाले पेट की खराबी तथा पेट की गर्मी की वजह से होते

 हैं ।

कठोर भोजन

लंबे समय से एंटीबॉयोटिक दवाओं के सेवन करने से हमारी आंतों में 

लाभदायक कीटाणुओं की संख्या कम हो जाती है , नतीजा मुंह मे छाले हो जाते है।

हार्मोनल परिवर्तन- कुछ महिलाओं को महवारी के दौरान मुँह का अल्सर होता है।

गरम खाने ,मसालेदार भोजन करने से 

माउथ अल्सर के मुख्य लक्षण

भोजन करते समय काफी पीड़ा होना।

अधिक चिरचिड़ा होना।

मुख मे सफेद, लाल छाला होना ।

मुख या गले मे इंफेक्शन होना।

खट्टे फलो का अधिक सेवन

प्रेगनेंसी के कारण।

विटामिन बी 12 या आयरन की कमी।

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमज़ोर होने की वजह से

 माउथ अल्सर से छुटकारा कैसे पायें ?

अधिक स्मोकिंग या शराब का सेवन नहीं करे।

कब्ज की समस्या को  दूर करके।

बीटामिन बी की कमी को पूरा करके ।

किसी का जूठा भोजन न खायें ।

ज्यादा तनाव लेने से भी मुख के अंदर छाले हो सकते है।

नरम ब्रिसल वाले ब्रश से अपने दांत ब्रश करें 

,जिससे तकलीफ कम हो।

उस टूथपेस्ट का इस्तेमाल  करे जिसमें सोडीयम लॉरिल सल्फेट ना हो

मुख के अल्सर को आम तौर पर इलाज के जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि वो खुद ही एक या दो हफ्ते मे

 ठीक हो जाते जाते है। हालांकि कुछ आप उपाय करते है तो दर्द से राहत मिलती है।

नमक - पानी का मिश्रण करके गरारे करे, जिससे की मुख साफ रहे और ठंडी चिजे जैसे -दही, छाछ

 और फलों का जूस पिये या फिर आइसक्रीम से राहत मिलेगी।

गरम भोजन करने से बचें और मसालेदार भोजन फास्ट फूड से परहेज करें।

खाने मे नमक का इस्तेमाल कम करें ।

चाय-काफी पीने से बचे।यह चीजें  कब्ज पैदा करेगी जिससे पेट साफ नहीं होने के कारण छालों की

 समस्या बढ़ सकती है।

आइस क्यूब लगाने पर मुख के छाले पर दर्द से राहत मिलती है।

तुलसी के पत्ते मे स्वास्थ्यवर्द्धक और दर्दनिवारक गुण पाये जाते है। दिन मे 2-3 बार तुलसी पत्ते खाने से

 दर्द मे राहत मिलती है साथ ही छाले भी ठीक होने लगते है।

हल्दी मे एंटीसेप्टिक और एंटीइन्फ्लैमटोरी के गुण पाये जाते है। हल्दी के पाउडर मे कुछ बूंद पानी

 मिलाकर पेस्ट बनाकर छालों पर लगायें , इससे दर्द मे आराम मिलता है।


डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।




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