मन की खुशी
मैं बहुत उत्साहित हूं। मै आपको इस पोस्ट में माइंड हैप्पीनेस के बारे बात करूंगा।माइंड हैप्पीनेस के बारे में सीखना क्यों जरूरी है।माइंड हैप्पीनेस के बारे मे सीखना इसलिए जरूरी है ,क्योंकि कोई अगर इंसान मन के ऊपर कंट्रोल नहीं कर पा रहा है,और उसका मन उसे डिस्टर्ब करता है, और वो निराशा में रहता है ।
परेशान रहता है तो आपको लगता है किसी भी मायने में वो सक्सेसफुल होगा,चाहे वो बिजनेस हो, फैमिली हो, रिलेशनशिप हो,चाहे वो सोसायटी हो, फिजिकल फिटनेस गोल हो,वो पॉसिबल नहीं हो पाएंगे। मेरा ये मानना है माइंड हैप्पीनेस सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है और इस्पेक्ट है हमारे जिंदगी का। माइंड हैप्पीनेस को सक्सेस से लिंक करेंगे और जानेंगे कितना हमारे जीवन के लिए जरूरी है।
सबसे पहले जानेंगे माइंड हैप्पीनेस है क्या? हमारे जीवन में खुशियां मिलती है वो है क्या?कैसे काम करता है हैप्पीनेस ? सॉल्यूशन ढूंढेंगे हम कि क्या करे हम की हमेशा खुश रहे,कोई भी परिस्थिति हो जाए, दुर्घटनाएं घट जाए जिंदगी के अंदर ,कोई व्यक्ति बुरा बोल जाए।
कोई भी हमारे माइंड को डिस्टर्ब न कर पर पाए, ऐसे वाला एटीट्यूड हो जाए।माइंड हैप्पीनेस को
समझने के लिए समझना पड़ेगा,की जो खुशिया हैं और गम ये हमारे मन की स्थिति हैं ये डायरेक्ट
लिंक है आपके हमारे सक्सेस से।इतना बात याद रखियेगा कि खुशी और उदासी मन कि परिस्थिति
है, यानी मन के अन्दर है ये बाहर नहीं है,तो हमारी खुशियां और गम बाहर की स्थिति से क्यों प्रभावित
हो सकते है ?
नहीं हो सकते है। हमारे खुशियां हमारे अंदर हैं क्योंकि हैप्पीनेस स्टेट ऑफ माइंड इसे मन के अन्दर ढूंढना है।मै आपको ऐसे लिंक से एस्पेक्ट कराएंगे की ये होता कैसे है? हमारे खुशियां, हमारी उम्मीदें हम किसी चीज से उम्मीद लगा लेते हैं और जो वास्तविकता में होता है उनके डिफरेंस को हैप्पीनेस बोलते हैं। हमसे कई बार मुख से कहते है आपसे ये उम्मीद नहीं थी , उस समय हम दुखी हो जाते हैं
क्योंकि आपने ऐसा एस्पेक्ट नहीं किया था,लेकिन रियलिटी में कुछ और हुआ । उदाहरण के साथ समझने की कोशिश करते हैं जैसे की आपने किसी से मिलने के लिए 12 बजे का समय दिया और वो 12.5 बजे आया तो थोड़ा सा आपका मन डिस्टर्ब होगा की मैं कबसे इंतजार कर रहा था और वो व्यक्ति 12:30 बजे आया ।
तो मन और परेशान होगा क्योंकि इस व्यक्ति से आशा थी कि वो टाइम से आएगा, एक और उदाहरण
लेते हैं अगर वो 2 बजे आता है तो आप काफी परेशान हो जायेंगे और हैप्पीनेस से एकदम दूर चले जाते हैं , क्योंकि जो एक्सपेक्टेशन है और जो वास्तविकता है काफी डिफरेंस है।
क्योंक जितना बड़ा
गैप होगा उतना आपके मन का स्थिति हिलेगी। बिजनेस को लेके सोचिए आपने सोचा था इस महीने
इतने कस्टमर बनायेंगे ।आपने सोचा था इस महीने इतने का बिजनेस करेंगे।अगर हमें अपने मन को खुश रखना है तो अपने उम्मीदो को कम करना है। हमारी दो चीजें हमारे खुशी को ले जाती है पहला हमारी परिस्थिति, कोई घटना हो , कोई भगवान को प्यारा हो गया, फाइनेंशियल लॉस हो गया।
ये सब परिस्थितियां हैं।ये सारी जो परिस्थितियां हैं,हमारे मन को परेशान करती है।हमारा खुशी चला जाता है। पहला था सिचुएशन, दुसरा है व्यक्ति कोई व्यक्ति आपको तंग करता है,आपके साथ बुरा करता है चाहे वो आपका दोस्त है, रिश्तेदार है, बिजनेस पार्टनर है । आपको दुखी करता है,परेशान
करता है और आपके और उसके विचार मिलते नहीं हैं तो इन दोनों सिचुएशन को हम समझेंगे की
हम कैसे हैंडल करेंगे।आपका जो मन है हैप्पीनेस और सैडनेस इसके अंदर हैं।जो व्यक्ति आपको परेशान कर रहा है । उस व्यक्ति को तो आप बदल नहीं सकते जैसे उसका व्योहार हैं,परेशान करने का नजरिया है ।
उस व्यक्ति के व्योहार को अंदर नहीं ले जाना है। जो सिचुएशन बाहर है उसको मन के अंदर नहीं ले जाना
है। उदाहरण के लिये समझते हैं हम जितने भी लोग हैं इस धरती पे लोगों के व्योहार को आकलन करते हैं । किसी ने मेरे लिए अच्छा किए वो व्यक्ति बहुत बढ़िया है,किसी ने मेरे साथ बुरा किया वो व्यक्ति मेरे लिए ठिक नहीं है।
दुनिया का सबसे बेकार आदमी है इस धरती पे। इसको समझने के लिए सबसे पहले भगवान को समझना होगा।पहले तो सिचुएशन को ले लेते हैं की जो आपके हाथ में है उसे ठीक कीजिए अगर आप ठीक नहीं कर सकते तो फिर टेंशन नहीं लेना है।जो व्यक्ति आपके हिसाब से नहीं चलते वो आपके लिए बुरे हैं और जो व्यक्ति आपके हिसाब से चलते हैं वो आपके लिए अच्छे हैं।
लाखों लोगों के लिए अच्छा है,आपके लिए बुरा है क्योंकि आपके हिसाब से नहीं चल रहा है। आपके
बच्चो पर गुस्सा कब आता है जब वो आपके हिसाब से नहीं चलते हैं,आप कहते हैं पढ़ो कुछ और
काम करो और वो कुछ और काम कर रहे होते हैं गेम खेल रहे होते हैं वहां पे जाके हम परेशान हो जाते हैं।
आप अपने वाइफ से हसबैंड से ये उम्मीद करते हैं बात क्यों नहीं समझते हैं ऐसे क्यों हैं और वो कुछ और तरह से परफॉर्म करता है ,तो आपको वहां पे माइंड का हैप्पीनेस जाता है, तो माइंड का हैप्पीनेस
जायेगा जब आप लोगो से अपने हिसाब से चलाने की कोशिश करोगे की ये ऐसा ही होना चाहिए।
ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जो आपके हिसाब से चले,और आप किसी को बदल भी नहीं सकते,
क्योंकि हरेक व्यक्ति अपने आत्मिक जर्नी पे है और वो परफॉर्म कर रहा है जो उसके अन्दर सॉफ्टवेयर चल रहा है।उसके कर्म उसके सॉफ्टवेयर के तरह परफॉर्म कर रहा है।इसके साथ होना ही होना है वो ऐसा बिहेवियर है वो गुस्सा करता है तो होगा , चिरचिराता है तो होगा कारण है कि हम उसे कर्मो को परफॉर्म कर रहा है ।
उदाहरण के समझे सामने वाला एक चिप है चिप के अंदर सॉफ्टवेयर होता है जो ये कर्म करेगा उसका
भुगतान वही करेगा हम उसको बदल नहीं सकते।
लेकिन हमें इस तरह से समझना है जैसा भी ये
ठीक है कोइ बात नहीं मैं इसे एक्सेप्ट करता हूं।घर में है, रिश्तेदारों में है जहां भी है।एक ही परिवार के दो व्यक्ति है अलग अलग संस्कार है।
सबसे पहले मैं इस बात को नहीं समझता था तो पहले परेशान रहता था मैं ये समझता था मेरा बच्चा
ऐसा क्यों है, मेरी वाइफ ऐसे क्यों करती हैं , माता पिता इस बात को क्यों नहीं समझते हैं ।जब से ये मैने समझने की कोशिश कि तबसे मेरे जीवन मे काफी बदलाव आया।अगर हम इन चीजों को
समझना शुरू करते हैं तो हमारे जीवन में बड़ा बदलाव ला सकते हैं। इसको एक उदाहरण से समझते हैं हम इंस्ट्राग्राम,फेसबुक यूज करते हैं कोई पोस्ट करते हैं उसपे
कोई गलत कमेंट्स कर देता है दिनभर सोचते रहते हैं हम वैसा हैं ही नहीं ऐसा लिख कैसे दिया?हम
परेशान होते हैं। जिंदगी में खुश रहने के लिए हमें कुछ एक्शन लेने होंगे कि जैसा भी वो व्यक्ति है ठीक है।
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