वायु प्रदूषण दूर करने के उपाय (Air pollution)

 वायु प्रदूषण दूर करने के उपाय 














वायु प्रदुषण वायु प्रदुषण एक ऐसी परिस्थिति है जिससे बाह्य वायुमंडल मे ऐसे पदार्थ एकत्रित हो जाते
 है जो मानव ,जीव- जन्तू एवं  उसके पर्यावरण के लिए हानिकारक होते है।प्राकृतिक  श्रोत - प्रकृति मे
प्रदूषण ज्वालामुखी से निकली राख़, आँधी- तूफान से उड़ते हुये धूल, वनो मे लगी आग और मोटर से
निकले   धुएँ, कुहरे  से  उत्पन्न  होती है।इस धरती पर जितने भी मनुष्य, पेड़-पौधे और जीव जन्तू है
सबको जीवित रहने के लिये शुद्ध वायु कि जरूरत होती है। हमारे जीवन का आधार शुद्ध वायु है।
 वातावरण प्रदूषित होने से एक आकड़े के अनुसार भारत मे हर साल लगभग 13 लाख लोगो कि मौत
का कारण वायु प्रदूषण है।

वायु प्रदूषण के स्त्रोत निम्नलिखित हैं -

प्राकृतिक स्त्रोत-प्रकृति मे प्रदूषण ज्वालामुखी से निकली राख़, आँधी- तूफान से उड़ते हुये धूल, वनो मे
लगी आग से उत्पन्न धुएँ, कुहरे  से होती है।
मानवीय स्त्रोत- वायु प्रदूषण का मुख्य कारण मानव द्वारा किए हुए विभिन्न गतिविधियों  द्वारा वायुमंडल
मे छोड़ी गई गैसें तथा अन्य पदार्थ है जैसे- कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, अमोनिया आदि।

 इसके अलावे औद्योगिक कारणो से , घरो मे ईंधन जलाने से, वाहनो के चलने से निकालने वाले धुए से तथा कृषि कार्य मे पुआल के जलाने से वायु प्रदूषित होती है।
दहन प्रक्रम-  दहन अनेक प्रकार के होते है जैसे- सफाई कार्यो मे कूड़ा- कर्कट जलाने से , घरेलू कार्यो
 मे इंधन जलाने से, यातायात साधन मे पेट्रोल और डीज़ल के जलने से तथा विद्युत घरो मे कोयले के
जलने से निकालने वाले प्रदूषित वायु से होती है।औद्योगिक निर्माण प्रक्रम- उद्योग कार्यो मे कच्चे माल
का उपयोग करने के दौरान जैसे कि मोमबती बनाने वाले उद्योग धातुकर्म से निकालने वाले प्रदूषित

 पदार्थ, ईट भट्टो से निकालने वाले धुए से वायु प्रदूषित होती है। कृषि कार्य-आज- कल कम समय मे
अधिक पैदावार के लिए , फसल  को नुकसान पहुँचाने वाले कीटों को मरने के लिए कीटनाशक ,
 यूरिया का छिड़काव  किया जाता है। इस प्रकार छिड़काव से वायुमंडल प्रदूषित होती है और वायु
प्रदूषण का कारण बनती है। विलायकों का प्रयोग - स्प्रे, पेंट , फ़र्निचर और घरो कि पॉलिश बनाने मे तरह - तरह का उपयोग किया जाता है।अधिकांश विलायक वाष्पशील  हाइड्रोकार्बन पदार्थ होते है। स्प्रे , पेंट पालिश करते समय ये पदार्थ सूक्ष्म  कणों वाष्प के रूप मे वायुमंडल मे मिलकर वायु को प्रदूषित करते है।

परमाण्विक ऊर्जा परियोजनाएँ-  परमाणु बमों के निर्माण में विघटनाभिक समस्थानिक तत्वो का 
इस्तेमाल किया जाता है।ये पदार्थ अस्थायी प्रकृति के होते है तथा उत्पन्न के साथ ही बिघटित होना शुरू हो जाते है।
इनका  बिघटन किरणों तथा परमाणु कणों के विकिरण के रूप मे होता है।

इस विकिरण से पूरे मानव जाति, पेड़- पौधे के लिए बेहद खतरनाक है। बम बिस्फोट के साथ हि ये
विघटनाभिक पदार्थ दूर -दूर तक वायुमंडल मे फैलकर धीरे-धीरे अवपात के रूप मे नीचे गिरते है।
अमेरिका द्वारा जापान के हिरोशिमा और नागासाकी  शहरों किया बम बिस्फोट इसका ज्वलंत उदाहरण है।

अन्य स्त्रोत -धूल भरी कच्ची सड़कों पर वाहनो तथा पैदल चलने वाले यात्रियो के आवागमन से बहुत
धूल होने के कारण वायु प्रदूषित होती है। मद्य निर्माणशालाओं, चर्म शोधन शालाओं के आस पास के
क्षेत्र मे काफी दुर्गन्ध अनुभव होती है। इसके अतिरिक्त मकान या सड़क के किनारे कचरा होने से ,

 नाली कि गंदगी से वायु प्रदूषित होती है।
सिनेमाघरों, नाट्यगृहों इत्यादि सार्वजनिक मनोरंजन के समय एक हि जगह पर बैठे व्यक्ति के धूम्रपान
 से काफी समस्या होती है।सार्वजनिक मूत्रालयों तथा शौचालयों कि उचित व्यवस्था नहीं होने से वायु
प्रदूषित होती है।

वायु प्रदूषण दूर करने के उपाय - 

सार्वजनिक वाहनो का उपयोग करके वायु प्रदूषण को कम किया जा सकता है। तनुकरण -कल - कारखानो से निकालने वाले धुएँ को ऊँची चिमनियाँ लगाकर काफी ऊँचाई तक छोड़ देने से वायु प्रदूषण तनु (dilute)हो जाने से प्रदूषण का प्रभाव कम हो जाता है।कल - कारखानो के प्रदूषण से बचने के लिए जनसंख्या वाले क्षेत्रो से दूर करके प्रदूषण से बच सकते है।

ऐसे तकनीक का उपयोग किया जाए जिससे प्रदूषण कम हो। प्रदूषण रहित ईंधन का इस्तेमाल करके वायु प्रदूषण से बच सकते है। अधिक मात्रा मे पेड़- पौधे लगाकर वायु प्रदूषण को कम किया जा सकता है।
शहर मे बढ़ते आबादी को कम करने के लिए गाँव मे उद्योग -धंधे  रोजगार के साधन होने चाहिए।

निर्धूम चूल्हे व सौर ऊर्जा को प्रोत्साहित किया जाए जिससे प्रदूषण कम हो। 
शहरो और नगरों मे अवशिष्ट पदार्थों के निस्कासन निष्कासन हेतु सीवरेज को सभी जगह बढ़ावा देनी चाहिए।
वायु प्रदूषण से बचने के उपाय को मानव समाज को जागृत करने के लिये प्रचार माध्यम जैसे-
 दूरदर्शन, पत्र-पत्रिकाओं आदि के माध्यम से प्रचार करना चाहिए।

हमारा उद्देश्य केवल आपको लेख के माध्यम से जानकारी देना है और किसी भी तरह से दवा या उपचार की सिफारिश नहीं करते हैं। केवल एक डॉक्टर ही आपको सबसे अच्छी सलाह और सही उपचार योजना दे सकते है।



















टिप्पणियाँ